आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि कोलकाता से शासन करने वालों ने कभी पश्चिम बंगाल के पिछड़े इलाके जंगल महल का दर्द नहीं जाना. यहां के विषयों को नहीं समझा. लोगों की भावना की अनदेखी की.
पुरूलिया के बागमुंडी में रविवार को आजसू पार्टी की रैली में सुदेश कुमार महतो ने फिर मानभूम - जंगलमहल क्षेत्रीय प्रशासन- (एमजीटीए) के अविलंब गठन पर जोर दिया.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस इलाके के राजनीतिक, सामाजिक, और आर्थिक पहचान तथा तरक्की के लिए आजसू एमजीटीए की वकालत करती है. और इसे पाने के लिए संघर्ष को मुकाम तक ले जाने के लिए तैयार है.
पिछले पांच जनवरी को पुरूलिया में पार्टी की सभा में भी सुदेश ने एमजीटीए गठन पर जोर दिया था.
बागमुंडी के लहरिया में सुदेश कुमार महतो ने कहा कि पश्चिम बंगाल का जंगल महल इलाका दशकों से सबसे उपेक्षित क्षेत्र रहा है. यहां सरकारें कई आई- गई, लेकिन जंगल महल का यह क्षेत्र-बांकुड़ा, झाड़ग्राम, मिदनापुर, पुरुलिया हाशिये पर रहा.
यही वजह है कि कोलकाता में बैठे शासकों पर इस इलाके के लोगों का भरोसा खत्म हो गया है.
उन्होंने कहा, ''वृहद झारखंड की लड़ाई में इस इलाके के लोगों की अहम भागदारी रही है. आजसू पार्टी सिर्फ चुनाव लड़ने की हिमायती नहीं रही है. हम चाहते हैं कि इस इलाके के लोगों का दर्द बांटा जाए. विकास की किरणें लोगों तक पहुंचे. यहां के विषयों को तवज्जो दिए जाएं. ''
गौरतलब है कि आजसू पार्टी बंगाल चुनाव लड़ने की तैयारी में है और पुरूलिया, बांकुड़ा की सीटों पर उसकी सीधी नजर है.
बागमुंडी की सभा में झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, उमाकांत रजक, पार्टी के बंगाल प्रभारी सुनील कुमार सिंह, मुकुंद मेहता, धीरेन रजक मुख्य तौर पर मौजूद थे.
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