झारखंड की राजधानी रांची में पांच साल की बच्ची फलक की मौत के खिलाफ आज मौन प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि शामिल थे. साथ ही महिलाएं और बच्चे भी.
इससे पहले सभी लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर प्रतिवाद मार्च निकाला. और रांची नगर निगम के कामकाज पर सवाल खड़े किए.
गौरतलब है कि रांची के हिंदपीढ़ी वाला रोड में एक खुले नाले ( बिना स्लैब वाले) में फिसल कर गिर गई थी. उफनते नाले में बह जाने की वजह से उसकी मौत हो गई थी। जबकि उसकी लाश नौ किलोमीटर दूर जाकर मिली.
फलक के परिजन और शहर के लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा.
इस बीच माले नेता भुवनेश्वर केवट ने कहा है कि फलक की मौत हादसा नहीं हत्या है. इसके लिए सीधे तौर पर नगर निगम और रांची के विधा़यक सह शहरी विकास मंत्री जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि फलक के परिजनों को दस लाख का मुआवजा दिया जाए और दोषियों पर मुकदमा दर्ज हो.
मौन प्रदर्शन में बशीर अहमद, डॉ राजेश कुमार गुप्ता, नदीम खान, राजन सिंह, एति तिर्की, पवन कुमार, मो जावेद, शकील अंसारी, एनीमुल हक , विनोद ठाकुर, तारिक मुजीबी, मो बब्बर, सोनाली कुमारी, मो आसिफ, अरशद कुरैशी अमन कुमार आदि शामिल थे.
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