मोदी ने कहा कि ये पैकेज भारत की जीडीपी का क़रीब-क़रीब दस प्रतिशत है.
उनकेअनुसार इन सबके ज़रिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को बीस लाख करोड़ रुपए का सपोर्ट मिलेगा.
Lockdown 4.0 is going to be completely different from the last three lockdowns. It will be based on feedback received from all CMs: PM Modi #AatmanirbharBharat
— BJP (@BJP4India) May 12, 2020
मोदी ने कहा कि बीस लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, दो हज़ार बीस में, देश की विकास यात्रा को, ट्वेंटी लैक्स करोड़, 20-20 में, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा. आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉज़ सभी पर बल दिया गया है.
लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा।
राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4
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18 मई से पहले
दी जाएगी: PM @narendramodi
मोदी ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे एमएसएमई के लिए हैं, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मज़बूत आधार है.
ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
देश के उस किसान के लिए है
जो हर स्थिति,
हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है।
ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है,
जो ईमानदारी से टैक्स देता है,
देश के विकास में अपना योगदान देता है: PM @narendramodi
पाँच पिलर्स
पहला पिलर, इकोनॉमी: एक ऐसी इकोनॉमी जो इंक्रीमेंटल चेंज नहीं बल्कि क्वांटम जंप लाए.
दूसरा पिलर, इंफ्रास्ट्रक्चर: एक ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बनें.
तीसरा पिलर, हमारा सिस्टम: एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं बल्कि इक्कीसवीं सदी के सपनों को साकार करने वाली टेक्नोलॉजी ड्रिवन व्यवस्थाओं पर आधारित हो.
चौथा पिलर, हमारी डेमोग्राफ़ी: दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी में हमारी वाइब्रेंट डेमोग्राफ़ी हमारी ताक़त है. आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्चा का स्रोत है.
पाँचवा पिलर, डिमांड: हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताक़त है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की ज़रूरत है. देश में डिमांड बढ़ाने के लिए, डिमांड को पूरा करने के लिए हमारी सप्लाई चेन के हर स्टेकहोल्डर का सशक्त होना ज़रूरी है. हमारी सप्लाई चेन, हमारी आपूर्ति की उस व्यवस्था को हम मज़बूत करेंगे, जिसमें मेरे देश की मिट्टी की महक हो, हमारे मज़दूरों के पसीने की ख़ुशबू हो
आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
पाँच Pillars पर खड़ी होगी।
पहला पिलर Economy
एक ऐसी इकॉनॉमी जो Incremental change
नहीं बल्कि Quantum Jump लाए
दूसरा पिलर Infrastructure
एक ऐसा Infrastructureजो आधुनिक भारत की पहचान बने: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
मोदी: थकना, हारना, टूटना, बिखरना मानव को मंज़ूर नहीं है
निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये सबकुछ अकल्पनीय है. ये क्राइसिस अभूतपूर्व है. लेकिन थकना, हारना, टूटना, बिखरना मानव को मंज़ूर नहीं है. सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है. आज जब दुनिया संकट में है, तब हमें अपना संकल्प और मज़बूत करना होगा.
साथियों हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि इक्कीसवीं सदी हिंदुस्तान की है. हमें कोरोना से पहले की दुनिया, वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने समझने का मौक़ा मिला है. कोरोना संकट के बाद भी, दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं.
जब इन दोनों कालखंडों को भारत के नज़रिए से देखते हैं तो लगता है कि इक्कीसवीं सदी भारत की हो ये हमारा सपना ही नहीं, ये हम सबकी ज़िम्मेदारी भी है.
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