कांग्रेस में बनते- बिगड़ते समीकरणों के बीच सचिन पायलट भी जयपुर पहुंच गए हैं. पहली बार सचिन ने पत्रकारों से बात की और कहा कि उन्होंने कोई पद की मांग नहीं की है.
सचिन पायलट से पत्रकारों ने पूछा कि अशोक गहलोत ने उन्हें ख़ूब भला-बुरा कहा था क्या वो इसका जवाब नहीं देंगे? क्या आपको अशोक गहलोत का नेतृत्व स्वीकार है?
सचिन पायलट ने जवाब में कहा, ''मैंने अपने परिवार से जीवन में कुछ संस्कार हासिल किए हैं और कितना भी मैं किसी का विरोध करूं, वो कोई भी नेता हो, किसी भी दल का हो, मेरा कट्टर दुश्मन भी हो, किसी और दल में हो, तब भी इस प्रकार की भाषा का मैंने कभी प्रयोग नहीं किया.''
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि पार्टी आलाकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति जल्द ही अपना काम शुरू करेगी.
उन्होंने कहा, ''अशोक गहलोत जी मुझसे उम्र में काफ़ी बड़े हैं और व्यक्तिगत रूप से मैंने उनका काफ़ी मान सम्मान ही किया है लेकिन अगर काम करने के तरीक़े में, गवर्नेंस में अगर मुझे कुछ इश्यू दिखता है तो मेरा अधिकार है कि मैं उसका विरोध जाहिर करूं. लेकिन मुझे लगता है कि जिस प्रकार की टीका टिप्पणी हुई जिन शब्दों का प्रयोग किया गया, दुख तो हर इंसान को होता है लेकिन मैं समझता हूं कि उस पर मैं अगर जवाब दूं तो उचित नहीं है."
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उन्होंने आगे कहा, "सार्वजनिक तौर पर एक संवाद, एक शालीनता, एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए. मैंने अपने 20 साल के जीवन में कभी उस लक्ष्मण रेखा को पार नहीं किया. इसलिए मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. लेकिन इतना ज़रूर कहना चाहता हूं कि जिस तरह के आरोप लगा जिस तरह की बातें बोली गईं, आज वो सच सब दुनिया के सामने आ चुका है."
लगभग एक महीने बाद जयपुर पहुंचे पायलट ने अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे बारे में व्यक्तिगत रूप से कुछ ऐसी बातें बोली गईं जिनको मैं उचित नहीं मानता था। जिन शब्दों का प्रयोग हुआ, जिस शब्दावली का इस्तेमाल किया गया, उसे सुनकर मुझे दुख भी हुआ, आश्यर्च भी हुआ और पीड़ा भी हुई.’’
कांग्रेस विधायक दल की बैठक पार्टी अध्यक्ष के उस फ़ैसले के एक दिन बाद जैसलमेर में हो रही है जिसमें राजस्थान के बाग़ी नेताओं की शिकायतें सुनने के लिए तीन सदस्यीय कमिटी गठित की गई है.
इधर बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी में शांति और भाईचारा अब भी कायम है.
उन्होंने बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगाते हुए हमला किया. अशोक गहलोत का यह बयान तब आया है जब विधायक दल की बैठक होने जा रही है.
गहलोत ने कहा, ''पार्टी के भीतर शांति और भाईचारा अब भी है. तीन सदस्यों की एक कमिटी का गठन किया गया है और यह समिति पार्टी के भीतर के मतभेदों को सुलझाएगी. बीजेपी ने हमारी सरकार गिराने की कोशिश की लेकिन अंततः सारे विधायक एक मंच पर आ गए.''
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