झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन की एक चिट्ठी ने पार्टी में हलचल मचा दी है
दरअसल सीता सोरेन ने शिबू सोरेन ने पार्टी में ही महासचिव विनोद पांडेय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने शिबू सोरेन को लिखे पत्र में विनोद पांडेय पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है.
पार्टी महासचिव विनोद पांडे द्वारा मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है।
— Sita Soren (@SitaSorenMLA) September 10, 2020
पार्टी आदरणीय बाबा एवं मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन जी की खून पसीने से खड़ा की हुई है।
चंद लोग @JmmJharkhand को अपनी जेबी संस्था बनाने की मंशा पर कार्य कर रहे हैं।
कृपया संज्ञान ले। @ShibuSorenJMM @HemantSorenJMM pic.twitter.com/oYegeRY7It
इसके साथ ही उन्होंने पार्टी अध्यक्ष से इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया है. सीता सोरेन दुमका जिले में जामा से विधायक हैं. साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बड़ी भाभी है.
सीता सोरेन ने यह पत्र अपने पति और शिबू सोरेन के बड़े बेटे दिवंगत दुर्गा सोरेन की 52वीं जयंती के मौके पर लिखकर सोशल माडिया (ट्विटर और फेसबुक) पर साझा किया है.
सीता सोरेन ने यह भी लिखा है, ''यह पार्टी गुरुजी शिबू सोरेन और उनके पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन के खून-पसीने से सींची गई है. लेकिन झामुमो को चंद लोग अपनी जेबी संस्था बनाने की मंशा से काम कर रहे हैं.''
उन्होंने पत्र के जरिए आरोप लगाया है कि पार्टी महासचिव विनोद पांडेय उन कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देते हैं जिनसे वह मुलाकात करती हैं.
सीता सोरेन ने एक कार्यक्रम को लेकर पार्टी की गतिविधियों की भी चर्चा की है. उन्होंने पत्र के जरिए बताया है, ''पिछले दिनों चतरा के आम्रपाली परियोजना के विस्थापितों के निमंत्रण पर वे सीसीएल के खिलाफ बैठक में शामिल होने गई थीं. उसी दौरान विनोद पांडेय के इशारे पर वहां के जिला अध्यक्ष पंकज कुमार प्रजापति ने सभी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हमसे मुलाकात नहीं करने का फरमान सुनाया. इसके बाद हमसे मिलने वाले सभी कार्यकर्ताओं को साजिश के तहत विनोद पांडेय के आदेश पर वहां के जिलाध्यक्ष ने निष्कासित कर दिया. यह कार्रवाई बेहद अनुचित है''.
विधायक सीता सोरेन ने पत्र के हवाले बताया है, ''मेरे खिलाफ भी विनोद पांडेय ने केंद्रीय कार्यालय के नाम कुछ लिखवा कर रखा है.जबकि वे भी पार्टी में महासचिव हैं''.
सीता सोरेन के पत्र पर महासचिव विनोद पांडेय ने मीडिया से कहा है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. यदि पत्र पार्टी के अध्यक्ष को प्रेषित किया गया है तो वही फैसला करेंगे.
आज विधायक सीता सोरेन ने फिर एक ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, ''उसूलों पर अगर आंच आए, तो टकराना जरूरी है. अगर जिंदा हो, तो जिंदा आना जरूरी है, दुआ करो कि सलामत रहे मेरी जिंदगी, ये इक चिराग कई आंधियों पर भारी है''.
गौरतलब है कि सीता सोरेन झारखंड में युवाओं के रोजगार और भर्तियों को लेकर भी लगातार मुखर हैं. इसके अलावा दुमका में सड़कों की हालत तथा बालू पत्थरों की तस्करी के खिलाफ भी उन्होंने कई ट्वीट पहले ही किए हैं. साथ ही इस मामलों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यान भी आकृष्ट कराती रही हैं.
कल ही गुरुवार को उन्होंने बेरोजगारी के सवाल पर एक ट्वीट करते हुए कहा ''हक की आवाज को लेकर मैं आगे बड़ चली हूं. अंजाम की परवाह नहीं. गलत- सही का फैसला जनता जनार्दन करती है.''
पार्टी के अंदरखाने हालात पर उन्होंने पत्र लिखकर संगठन में हलचल मचा दी है. उनके समर्थक फेसबुक पर लगातार प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं.
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