झारखंड में झुमरीतिलैया शहर में एक डॉक्टर बीरेंद्र कुमार की पुलिस द्वारा की गई पिटाई और कथित तौर पर गाली-गलौच की घटना से कोडरमा जिले के डॉक्टरों में आक्रोश है.
इस बीच कोडरमा के एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब ने थाना प्रभारी रामनारायण ठाकुर को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया है. साथ ही जांच के निर्देश दिए हैं.
एसपी ने कहा है कि आरोपों में घिरे जवानों को भी चिह्नित कर लाइन हाजिर किया जा रहा है. पूरे मामले की विस्तृत जांच की जा रही है. गलत करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी.
फिलहाल डोमचांच अंचल पुलिस निरीक्षक अजय सिंह को थाना का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
घटना सोमवार दोपहर की है. शहर के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ बीरेंद्र कुमार राधे-राधे मार्केट स्थित प्लास्टिक सेंटर से कुछ सामान खरीदने गए थे. इससे पहले उन्होंने सड़क किनारे अपनी कार खड़ी की थी.
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डॉक्टर का आरोप है कि इसी बीच थाना प्रभारी और पुलिस के जवान वहां पहुंचे और गाड़ी पर डंडा पटकने लगे. मैंने तुरंत गाड़ी हटाने की बात कही. साथ ही अपना परिचय भी दिया.
इसी दौरान थाना प्रभारी ने बदसलूकी की और उनके साथ पुलिसकर्मी मारपीट पर उतारू हो गए.
मारपीट में डॉ बीरेंद्र कुमार के कंधे और पांव में चोट आई है. इस बाबत डॉक्टर ने एसपी को लिखित आवेदन दिया है. और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
डॉक्टर ने बताया है, ''दोपहर में मेरी गाड़ी प्लास्टिक सेंटर दुकान के पास खड़ी थी. थाना प्रभारी मेरी बात को अनसुना कर गाली-गलौच करने लगे. मैंने कहा भी कि ऐसा व्यवहार मत करिए मैं भी एक डॉक्टर हूं, तो उत्तेजित होकर थाना प्रभारी और पुलिस जवान मारपीट करने लगे. इस घटना का हमने विरोध किया. बावजूद मुझे घसीटते हुए पुलिस वाहन में बैठा लिया गया. थाना ले जाते समय और थाना में भी मेरे साथ मारपीट की गई पानी पीने को मांगा, तो गाली दी गई''.
वहीं, दूसरी तरफ थाना प्रभारी ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि सड़क से कार हटाने को कहा गया, तो डॉक्टर उलझ गए. पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका, तो डॉक्टर ने उनका कॉलर पकड़ लिया था और अपशब्द कहे.
घटना की जानकारी के बाद एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद थाना पहुंचकर मामले की जानकारी ली. एसडीपीओ ने कहा कि दोनों ओर से गलतियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
डॉक्टर थाना पहुंचे
इस बीच आईएमए से जुड़े की डॉक्टर थाना पहुंचे. उन्होंने विरोध प्रकट किया. और थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. आईएमए सचिव डॉ सुजीत राज ने कहा कि जिस तरह डॉक्टर के साथ मारपीट की गई, वह काफी निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि तत्काल थाना प्रभारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. कोरोना के संकट में डॉक्टर वारियर बनकर लोगों की सेवा कर रहे हैं और इसी समुदाय के साथ पुलिस ज्यादती कर रही है.
अगर डॉक्टर ने गलती से सड़क पर कार खड़ी थी, तो उसे हटाने को कहा जा सकता था. बीच बाजार इस तरह की बदसलूकी की क्या जरूरत पड़ी थी.
इधर सोशल साइट्स पर इस घटना को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है.
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