केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे प्राइवेट क्लीनिक, नर्सिंग होम खोलने की इजाजत दें. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि लॉकडाउन के दौरान डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को आवाजाही में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए.
इस बाबत केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्रलिखा है. उन्होंने कहा है कि कई स्थानों पर निजी क्लिनिकों और नर्सिंग होम के संचालन की अनुमति नहीं दिए जाने की खबरें आ रही हैं.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि इन चिकित्सा केंद्रों का चालू होना अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये रोजमर्रा के चिकित्सा ढांचे का अभिन्न अंग हैं और अस्पतालों का बोझ कम करते हैं. उन्होंने कहा, "मैं सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसे सभी क्लिनिक एवं नर्सिंग होम को बिना किसी बाधा के काम करने देना सुनिश्चित करने की अपील करता हूं."
Union Home Secy Ajay Bhalla writes to Chief Secretaries of all states/UTs to allow smooth movement of medical professionals, paramedics, sanitation personnel&ambulances&ensure opening of all private clinics with all medical staff.Such movement will also be facilitated inter-state pic.twitter.com/GjdMnMsX9o
— ANI (@ANI) May 11, 2020
गृह सचिव ने रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ हुई बैठक का भी जिक्र किया है, जहां कुछ राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चिकित्सा पेशेवरों एवं पराचिकित्सा कर्मियों की आवाजाही पर लगाए गए प्रतिबंधों का मुद्दा उठाया गया था.
उन्होंने कहा, ''जैसा कि आप सब जानते हैं, चिकित्सा एवं पराचिकित्सा स्टाफ की सेवाएं कोविड-19 वैश्विक महामारी की चुनौती से निपटने में बेहद अहम है."
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गृह मंत्रालय का यह भी कहना है कि "चिकित्सा पेशेवरों और पराचिकित्सक स्टाफ की आवाजाही पर किसी तरह की पाबंदी कोविड और गैर-कोविड चिकित्सा सेवाओं में गंभीर बाधाएं पहुंचा सकती हैं."
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