झारखंड में गोड्डा के एक गांव गंगटा टोला के रहने वाले धनंजय और उनकी पत्नी सोनी हेंब्रम के ग्वालियर से वापस घर लौटने के लिए हवाई जहाज के टिकट का इंतजाम किया गया है. इस दंपती की कहानी सुर्खियों में आने के बाद अडानी फाउंडेशन ने उन्हें फ्लाइट से भेजने की पेशकश की है.
धनजंय अपनी पत्नी को डिलेड (डि.ईएल.ईएड/ शिक्षा में डिप्लोमा) द्वितीय वर्ष की परीक्षा दिलाने के लिए स्कूटी से लगभग 1200 किमी की यात्रा करते हुए ग्वालियर पहुंचे हैं.
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन की परीक्षाएं एक सितंबर से 11 सितंबर तक ली जा रही हैं.
28 अगस्त को तमाम जोखिमों को उठाते हुए यह दंपती गोड्डा से रवाना हुआ था. चार राज्यों से गुजरते हुए बारिश और हवाओं का सामना करते हुए दोनों 30 अगस्त को ग्वालियर पहुंचे हैं.
धनंजय के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह बस से सफर करते. जेवर बेचकर दोनों ने स्कूटी से यात्रा करने की हिम्मत जुटाई.
दरअसल सोनी हेंब्रम की आंखों में शिक्षक बनने के सपने हैं. और धनजंय उन सपनों को अधूरा रहने नहीं देना नहीं चाहते.
इधर स्कूटी से इस दंपती के ग्वालियर पहुंचने की खबरें कहानी प्रकाश में आने के बाद इस कॉरपोरेट दिग्गज ने उन्हें हवाई जहाज से झारखंड भेजनेे का इंतजाम किया है.
आडानी फाउंडेशन ने धनंजय और उनकी पत्नी सोनी हेंब्रम लिए 16 सितंबर का टिकट उपलब्ध कराया है.
धनंजय ने बताया है कि अडानी फाउंडेशन उनकी स्कूटर भी वापस भेज देने का इंतजाम कर रहा है. यह जानकर उन्हें अच्छा लगा.
ग्वालियर से रांची की सीधा हवाई सेवा नहीं होने के कारण वेलोग पहले हैदराबाद पहुंचेंगे और इसके बाद रांची के लिए सफर करेंगे.
धनजंय की इस हिम्मत पर अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन प्रीति अडानी ने ट्वीट कर कहा, "धनंजय और सोनी की मैराथन यात्रा जीवटता, लचीलापन और महान आशावाद की यात्रा थी. हम गोड्डा में उनकी आरामदायक वापसी यात्रा की व्यवस्था करने के लिए विनम्र हैं और स्थानीय मीडिया के शुक्रगुजार हैं."
इस बीच गोड्डा जिला प्रशासन ने धनंजय से संपर्क किया है और बताया है कि जब वे पत्नी के साथ रांची आएंगे, तो रांची से गोड्डा आने का इंतजान प्रसासन करेगाा. इससे धनजंय और उनकी पत्नी और भी खुश हैं.
बेबसी के बीच हौसले
28 साल के धनंजय कैंटीन में खाना बनाने (बावर्ची) का काम करते थे, बीते तीन माह से बेरोजगार हैं. स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के लिए धनंजय ने अपनी पत्नी के जेवर 10 हजार रुपए में गिरवी रखे हैं, जिसके लिए मासिक 300 रुपये का ब्याज भी चुकाना होगा.
धनंजय खुद 10वीं पास भी नहीं हैं, लेकिन वे अपनी पत्नी को शिक्षक बनाना चाहते हैं.
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इस दंपती ने ग्वालियर में ठहरने के लिए दीनदयाल नगर में 1500 रुपये में 10 दिन के लिए कमरा किराए पर लिया है.
सोनी परीक्षा में शामिल हो रही हैं. उनका कहना है कि अब तक का पर्चा अच्छा रहा और वे जरूर पास करेंगी.
उधर समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए धनंजय ने कहा, "हम अपने जीवन में कभी भी विमान में नहीं चढ़े. इस पेशकश और समर्थन के लिए अडानी फाउंडेशन को धन्यवाद देता हूं. मैं अपनी कहानी को कवर करने और इस कृत्य के लिए मेरा समर्थन करने के लिए मीडिया को भी धन्यवाद देना चाहता हूं."
जबकि सोनी हेंब्रम का कहना है "मैं एक शिक्षक बनना चाहती हूं और इसके लिए डिप्लोमा कर रही हूं. मेरे पति और परिवार ने मुझे बहुत समर्थन दिया है. हमने अपने सोने के आभूषण बेचने के बाद कुछ धन की व्यवस्था की थी लेकिन बस से यात्रा करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे इसलिए हमने स्कूटर से यात्रा करने का फैसला किया. बारिश के कारण और कई जगह सड़के खराब होने की वजह से ग्वालियर की यात्रा करते समय हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन खुशी है कि हम हवाई जहाज से वापस जाएंगे."
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