बिहार विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के आरोपों और कटाक्षों पर अपने स्वभाव के विपरीत बिफर पड़े.
नीतीश कुमार को चार कार्यकाल के दौरान पद पर रहते हुए संयत बरतने और धीर-गंभीर स्वभाव का माना जाता है लेकिन शुक्रवार को वह खड़े होकर सदन में चिल्लाए कि ‘झूठ बोल रहे हैं यह.’
राजद के 31 वर्षीय नेता तेजस्वी यादव ने अपने करीब एक घंटे के भाषण में कुमार पर कई निजी हमले किए और आरोप लगाए लेकिन मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं बोला. जद (यू) के नेता और संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी जब बयान दे रहे थे तब तेजस्वी ने बीच में टोका जिस पर मुख्यमंत्री बिफर पड़े.
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में हत्या के एक मामले का जिक्र किया जिसमें कुमार के आरोपी होने की बात कही , साथ ही उन्होंने कुमार पर जेएनयू के एक छात्र द्वारा साहित्यिक चोरी के आरोप का जिक्र किया जिसे पटना के एक थिंक टैंक ने प्रकाशित किया और मुख्यमंत्री ने उसे प्रस्तावित किया. इसके अलावा सृजन घोटाले में भी उनपर आरोप का जिक्र किया जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. चौधरी ने इन सभी आरोपों से इंकार किय.।
यादव अपनी सीट पर खड़े हुए और कहा ,‘‘ यह गंभीर मामला है जिसे मैंने तथ्यों के आधार पर उठाया है। क्या यह सच नहीं है कि मुख्यमंत्री को हत्या के एक मामले में जुर्माना भरना पड़ा था.’’
तेजस्वी ने मेवालाल चौधरी को हटाए जाने के मामले में तंज कसा और इसके बाद अशोक चौधरी के मामले में आरोप मढ़ने की कोशिशें के साथ नीतीश कुमार पर निशाना साधा.
युवा नेता की बात पर मुख्यमंत्री खड़े हुए और तेज़ आवाज़ में बोले कि वह (तेजस्वी) झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘मैं आसन को चुनौती देता हूं कि बयान की सत्यता की जांच की जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए। मैं चुपचाप इसलिए सुन रहा हूं कि वह मेरे दोस्त के बेटे हैं जिन्हें मैं अपना भाई मानता हूं.’’
नीतीश कुमार नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को पहले धैर्य से सुनते रहे फिर उनका सब्र टूटा. कुमार ने गुस्से में कहा ,‘‘क्या उन्हें पता है कि उनके पिता (लालू प्रसाद) किस तरह से मुख्यमंत्री बने? क्या वह भूल गए कि उन्हें उपमुख्यमंत्री किसने बनाया? मैंने उनसे रास्ता इसलिए अलग कर लिया कि चीजों का जवाब देने की मेरी सलाह को वह नहीं मानते थे.’’
नीतीश के समर्थन में सत्ता पक्ष के कई विधायक उठ खड़े हुए. उन्होंने भी तेजस्वी पर बोलना शुरू किया. इधर स्पीकर सदस्यों को शांत कराने में लगे रहे.
(भाषा से भी इनपुट)
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